News Agency : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को भाजपा पर जाति—धर्म के नाम पर जनता को आपस में लड़ाकर सत्ता हथियाने का तिकड़म रचने का आरोप लगाया। बघेल ने अमेठी और गोरखपुर में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित सभाओं में राफेल विमान खरीद का जिक्र करते हुए कहा पहले लड़े गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से। बघेल ने अमेठी के अम्बरपुर में कहा कि चुनावी मौसम में देशभक्ति का नाटक कर रहे भाजपा के लोग दरअसल समाज को तोड़ने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि भाई से भाई को तथा धर्म जाति के नाम पर लोगों को लड़ाकर भाजपा सत्ता हथियाने का तिकड़म कर रही है, काला धन वापस लाने, 15—15 लाख रुपये देने, हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आयी मोदी सरकार ने पांच साल में सिर्फ झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने के सिवा और कुछ नहीं किया।
अमेठी से भाजपा प्रत्याशी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर हमला करते हुए बघेल ने कहा कि आज तक लोग अपने करीबियों को कपड़े और मिठाइयां बांटते थे, मगर हमने पहली बार देखा कि अमेठी में जूते बांटे गये और अमेठी का अपमान किया गया और ऐसे लोगों को जनता जवाब देगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए बघेल ने कहा कि योगी जहाँ—जहाँ भाजपा का प्रचार करने गये हैं वहां भाजपा का सफाया हो गया। उन्होंने दावा किया, ‘‘योगी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नामांकन में भी गये थे और मोदी भी हारने जा रहे हैं।’’ बघेल ने गोरखपुर में कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पराजय के साथ सत्ता का सेमीफाइनल हार चुकी है और अब वह फाइनल भी हारने वाली है।
प्रधानमंत्री मोदी की जाति को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बघेल ने कहा कि मोदी जब छत्तीसगढ़ जाते हैं तो खुद को साहू बताते हैं, महाराष्ट्र जाकर वह पिछड़े बन जाते हैं और जब वह अम्बानी के पास जाते हैं तो उनके चौकीदार बन जाते हैं। मोदी देश के जवानों की वीरता के नाम पर वोट मांग रहे हैं जबकि फौजी खुद उन्हें ऐसा करने से मना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी चुनावी सभाओं में पुलवामा हमले की बात तो करते हैं, मगर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की कमी की वजह से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत का जिक्र तक नहीं करते। बघेल ने पुलवामा हमले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर मोदी ने forty two जवानों की शहादत की उस वारदात की जांच क्यों नहीं करायी।